ग्लाक्टोसेमिया रोग से शिशु का बचाव - GlobalPlus News

Global Plus News is information about current events ,latest news tranding news of all over the world

Saturday, May 25, 2019

ग्लाक्टोसेमिया रोग से शिशु का बचाव

शिशु की संपूर्ण सेहत के लिये दूध पीना बहुत फायदेमंद माना जाता है। दूध में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं। लेकिन दूध को पीते वक्त सावधानी भी बरतनी पड़ती है क्योंकि गलत समय पर या गलत तरीके से दूध पीने से कुछ नुकसान भी होते हैं। कुछ लोगों को दूध पीने से या दूध से बने उत्पाद खाने से एलर्जी या उल्टियां हो जाती है, इसे ग्लाक्टोसेमिया कहते हैं। आपको बताते हैं इस रोग के कारण, लक्षण व बचाव के तरीके के बारे में…
हालांकि, यह रोग बहुत कम बच्चों में पाया जाता है लेकिन अगर आपके बच्चे के साथ ऐसी परेशानी उत्पन्न हो जाये तो वक्त रहते इस पर काबू पा लेना चाहिए। दरअसल, ग्लाक्टोसेमिया के कई कारण हो सकते हैं। दूध या दूध से बने कई खाद्य पदार्थ में लेक्टोज नामक एंजाइम होता है। इस प्रकार के प्रोटीन से शरीर में एक अलग तरह की प्रक्रिया उत्पन्न होती है। इस एंजाइम पर लेक्टेस नामक दूसरा एंजाइम प्रक्रिया करता है, जिससे ग्लूकोज और ग्लेक्टोस बनते हैं। अगर शिशु के शरीर में वह एंजाइम पर्याप्त मात्रा में नहीं होता जो ग्लेक्टोस को और आगे तोड़ सके तो ग्लाक्टोसेमिया रोग उत्पन्न होता है। ग्लेक्टोस का स्तर बढ़ने पर शरीर में विष फैलने लगता है।
ग्लाक्टोसेमिया के लक्षण

  • यह रोग ज्यादातर बच्चों में, नवजात शिशुओं में पाया जाता है
  • उल्टियां होना भी इस रोग का प्रमुख लक्षण होता है
  • बच्चा कमजोर होने लगता है
  • शिशु की भूख खत्म हो जाती है
  • शिशु को पीलिया रोग के लक्षण दिखाई देने लगते हैं, उसकी आंखें पीली नज़र आती हैं।
  • इस रोग के शिकार बच्चे के यूरिन का भी रंग गहरा काला पड़ने लगता है।

ग्लाक्टोसेमिया से खतरा

  • ब्रेन डेमेज का जोखिम
  • किडनी के फेल होने का जोखिम रहता है
  • शिशु का लीवर बढ़ने लगता है
  • लीवर की कोशिकाओं में खराबी आने लगती है

ऐसे करें जांच

  • ग्लाक्टोसेमिया रोग का पता लगाने के लिए मूत्र की जांच की जाती है। अगर मूत्र में अमीनो एसिड्स या ब्लड प्लास्मा पाया जाता है तो शिशु इससे पीड़ित हो सकता है
  • हेपाटोमेगली के द्वारा जांच
  • जलोदर या पेट में तरल पदार्थ की उपस्थिति से जांच
  • हाइपोग्लेसिमिया यानि ब्लड शुगर लेवल में गिरावट से भी इस रोग को पहचाना जाता है

उपचार

  • इसका उपचार बहुत मुश्किल है। हालांकि, सबसे पहले जिस दूध से शिशु को एलर्जी है उसका सेवन तुरंत बंद कर दिया जाता है।
  • बच्चे को बिना लेक्टोज़ वाला डिब्बे का दूध पिलाया जा सकता है
  • सोया का दूध भी बच्चे को पिला सकते हैं लेकिन डॉक्टरी परामर्श के बाद ही

The post ग्लाक्टोसेमिया रोग से शिशु का बचाव appeared first on दैनिक ट्रिब्यून.



from दैनिक ट्रिब्यून http://bit.ly/2HzRqoO

No comments:

Post a Comment