पानी में एक्सरसाइज, कई तरीके से शरीर को लाभ पहुंचाती है। एक्वा वर्कआउट से बॉडी की स्ट्रैंथ बढ़ने के साथ अतिरिक्त कैलोरी भी बर्न होती है। लहरों के साथ एक्सरसाइज़ करने से शरीर को जो उछाल मिलता है उससे जोड़ों और पीठ का दबाव दूर होता है। ये एक्सरसाइज़ खासतौर पर उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है जो जोड़ों के दर्द, सूजन और लिगामेंट से पीड़ित हैं।
वाटर एक्सरसाइज़ के फायदे
वाटर एक्सरसाइज़ से ब्लड सर्कुलेशन के साथ ही शरीर में सेल्यूलाइट यानी पांव और हाथों के पास जमा एक्सट्रा फैट से भी छुटकारा मिलता है। आज कल एक्वा एक्सरसाइज के अलावा फिटनेस के दीवाने एक्वा योग और एक्वा एरोबिक्स भी पसंद करते हैं।
साइड स्ट्रेच
स्वीमिंग पूल की दीवारों पर हाथ टिकाकर खड़े हो जाएं। अब पैरों के पंजों के बल खड़े रहने का प्रयास करें और हाथों को धीरे-धीरे ऊपर ले जाने की कोशिश करें। शरीर को स्ट्रेच करें फिर वापस पुरानी या सामान्य पोज़िशन में आ जाएं।
के-ट्रेड
इस एक्सरसाइज़ को बाजुओं, छाती, एब्स, हिप्स और कमर के लिए फायदेमंद माना जाता है। स्वीमिंग पूल में सीधे खड़े हो जाएं। अब अपने दोनों हाथों को क्लॉकवाइज घुमाएं और धीरे-धीरे पैरों से साइकिलिंग करें। इस बीच में आप पांच-पांच सेकेंड का ब्रेक लेते रहें।
एक्वा किक
एक्वा किक एक्सरसाइज़ के लिए खास टेक्नीक सीखने की ज़रूरत होती है। इसे दिल के मरीजों के लिये बेहतर माना जाता है लेकिन इसे किसी प्रशिक्षित ट्रेनर से ही सीखें।
वाटर मार्चिंग
यह सबसे आसान है। इस एक्सरसाइज़ को पानी में करने से बाजू और पैर मजबूत होते हैं। पूल में उतरकर बाएं और फिर दाएं पैर को उठाकर मार्च करें। कदमताल के साथ-साथ हाथों को भी धीरे-धीरे उठाएं और नीचे रखें।
बता दें कि किकबॉक्सिंग में जहां आप 40 मिनट में 800 कैलरीज बर्न करते हैं, वहीं एक्वा एरोबिक्स में 30 मिनट में 700-800 कैलरीज बर्न हो जाती हैं। रेगुलर एरोबिक्स में मेन मसल्स पर वर्कआउट होता है, लेकिन एक्वा में स्मॉल मसल्स पर भी असर होता है। इसको एक्सरसाइज़ और डांस का मिक्चर माना जाता है।
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